बीकानेर। भजनलाल सरकार के गठन को डेढ़ साल हो चुके हैं। बीजेपी सरकार नीतियों को धरातल पर उतारने में जुटी हुई है। वहीं, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने साल, 2028 के विधानसभा चुनाव के लिहाज से रणनीति बनानी शुरू कर दी है। संगठन की मजबूती से लेकर पार्टी में एकजुटता तक, हर मोर्चे पर पार्टी के भीतर कार्यक्रम तैयार किए जा रहे हैं।

 

राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक मिशन-2028 के तहत हाल ही में राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर रंधावा के दिल्ली आवास पर बैठक भी हुई। इसमें कई फैसले लिए गए। सबसे अहम फैसला संगठन का जमीन पर सक्रिय और मजबूत करने से जुड़ा है। पार्टी हाईकमान ने फैसला लिया है कि लंबे वक्त से निष्क्रिय चल रहे पदाधिकारियों की छुट्टी की जाएगी। कुछ दिनों पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने कारण बताओ नोटिस भी दिया है। संभावना है कि ब्लॉक अध्यक्ष और जिलाध्यक्ष की परफॉर्मेंस रिपोर्ट भी चर्चा हुई है।

 

पिछली सरकार में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच मतभेद की चर्चाओं ने खूब सुर्खियां बटोरीं। साल, 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद खुलकर सामने आ गए थे। विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत का श्रेय को पायलट को दिया गया, लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी गहलोत को, जिसके बाद मानेसर एपिसोड के चलते कांग्रेस सरकार पर संकट भी आ गया था।

लेकिन अब इन दोनों के बीच मतभेद कम होते नजर आ रहे हैं। पायलट के निमंत्रण को स्वीकार करते हुए गहलोत 11 जून को दौसा पहुंचे थे। यहां राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि पर एक श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई थी, जिसमें दोनों नेता साथ दिखे थे। उनके अलावा गुटबाज़ी के लिए चर्चित रही प्रदेश कांग्रेस में अलग-अलग गुटों के नेता भी इस कार्यक्रम में एक मंच पर साथ नज़र आए। इस कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली तथा पार्टी के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा समेत प्रदेश के कई नेता शामिल हुए थे।

इस दौरान गहलोत ने भी पायलट के साथ मतभेद की ख़बरों को मनगढंत बातें बताते हुए खारिज कर दिया। पूर्व सीएम ने कहा,” मैं और पायलट कब अलग थे? हम तो हमेशा से साथ हैं और दोनों में खूब मोहब्बत भी है। अनबन की खबरें तो बस मीडिया चलाती रहती है। हम कभी दूर थे ही नहीं, हमारे बीच प्यार मोहब्बत बनी रहेगी।”

 

चरणबद्ध तरीके से बनाई जा रही है योजना

कांग्रेस संगठन स्तर पर पार्टी को सक्रिय करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए जमीनी पहुंच पर काम हो रहा है। आज की इस बैठक का फोकस भी संगठन सशक्तिकरण है। साथ ही ब्लॉक से जिला स्तर तक के पदाधिकारियों के कार्य मूल्यांकन और आगामी रणनीति निर्माण पर है। बताया जा रहा है कि 4 चरणों में अलग-अलग समूहों के साथ चर्चा होगी।
वहीं, जमीनी कार्यकर्ताओं में जान फूंकने के लिए फॉर्मूले पर भी काम हो रहा है। आगामी समय में नए समन्वयक मंडल के गठन और जमीनी कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने की योजना पर भी काम शुरू हो जाएगा। ताकि संगठन को धरातल पर मजबूत किया जा सके। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान पार्टी आलाकमान स्पष्ट संकेत दे चुका है कि अब पार्टी के भीतर ढीले रवैये को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।