जयपुर। राजस्थान में बिहार विधानसभा चुनाव की आहट सुनाई देने लगी है। बीजेपी ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ अभियान के तहत प्रदेश में रह रहे करीब 6 लाख बिहारी प्रवासियों तक पहुंच बनानी शुरू कर दी है। बीजेपी का मकसद इन वोटरों को अपनी नीति से जोड़ कर बिहार में चुनावी फायदा उठाना है। इस कड़ी में प्रदेश के हर जिले में बिहारी समाज का डेटा जुटाया जा रहा है।
राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक प्रदेश महामंत्री श्रवणसिंह बागड़ी को अभियान का संयोजक और सुमन शर्मा को सह संयोजक बनाया गया है। दोनों नेताओं की अगुवाई में जिला और विधानसभा स्तर तक टीमें बनाई गई हैं। पहले चरण में कोटा, जयपुर, जोधपुर, अलवर, गंगानगर, हनुमानगढ़ में अभियान शुरू हुआ था। अब इसे पूरे प्रदेश में विस्तार दे दिया गया है। हर जिले में टीम प्रवासी बिहारी वोटरों का डेटा इकट्ठा कर रही है, जिसे पार्टी के ‘सरल ऐप’ में अपलोड किया जा रहा है।
बीजेपी केवल डेटा इकट्ठा नहीं कर रही बल्कि सांस्कृतिक जुड़ाव पर भी काम कर रही है। दोनों राज्यों की संस्कृति के आदान-प्रदान को अभियान का अहम हिस्सा बनाया गया है। प्रवासी समाज से संवाद के जरिए उन्हें पार्टी की रीति-नीति से जोड़ने की कोशिश हो रही है।
आकलन के मुताबिक देशभर में करीब 2 करोड़ बिहारी प्रवासी रहते हैं, जिनमें से करीब 65% अब भी बिहार में मतदाता हैं। राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, तेलंगाना जैसे राज्यों में बड़ी संख्या में इनकी मौजूदगी है। भाजपा वर्ष, 2020 में कोविड काल में जुटाए गए प्रवासी डेटा का भी उपयोग कर रही है।
वोट बैंक को साधने की बड़ी रणनीति
प्रदेश में अभियान को लेकर बागड़ी ने कहा है कि कई प्रवासी बिहार में वोटर हैं, तो कुछ राजस्थान में बस गए हैं। ऐसे में हम उन्हें परिवार के साथ पार्टी के लिए समर्थन देने को प्रेरित कर रहे हैं। पार्टी चाहती है कि प्रवासी समाज बिहार चुनाव में बीजेपी को वोट करे।
चुनौती भी कम नहीं
हालांकि, सवाल यह भी है कि क्या मजदूरी करने वाले प्रवासी मतदाता चुनाव के लिए बिहार लौटेंगे? पार्टी की ओर से इसके लिए कोई खास योजना सामने नहीं आई है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी की ये रणनीति जमीन पर कितनी सफल होती है।